कैसे अखंड भारत से अलग हुआ रशिया ? Kya Bharat ka hissa tha Russia? (Sarcastic Post)

 


क्या है पूरा मामला ? क्या सच में रशिया था भारत का हिस्सा ? Kya Bharat ka hissa tha Russia?

bhaarat se kaise alag hua russia



यह बात तब की है जब भारत अखंड भारत हुआ करता था और पूरी दुनिया में भारत का ही कब्जा था | उस वक़्त देश को ऋषि परम्परा के लिए जाना जाता था | तब एक बहोत ही समृद्ध राज्य हुआ करता था जिसका नाम था ऋषिनगर जो कि आज के ऋषिकेश का हिस्सा था और उस वक़्त विद्या प्रसार और ज्ञान के लिए बोहोत प्रसिद्ध था | इस नगर के होते हुए दुनिया में भारत को हरा पाना नामुमकिन था |

उस वक्त देश में नेरु का शासन था जो बिलकुल भी अच्छा शासक नही था और केवल जनता पर भारी कर लगाकर खुद विदेशो की सैर पर चला जाता | वही ऋषिनगर का शासक अलेकजेनदर पुत्तन एक लालची और चालाक शासक था जो कि हमेशा भारत के टुकड़े करने की कोशिश करता | वह एक कोमुनिस्ट शासक था | एकदिन उसकी बहन पूतना ने उसे बताया कि उसके राज्य के नीचे तेल के कई सारे कुएँ है जिनसे तेल निकालकर बेचे तो वो बोहोत अमीर बन सकते है | उस वक़्त तेल निकालने वाला भी कोई और नही था लेकिन वह जानता था ऋषि मुनि और भारत के लोग उसका विरोध करेंगे |जैसे ही वो खुदाई की कोशिश करता उसी वक़्त धर्म की रक्षा करने वाले लोग उसे रोक देते और बोलते कि ये हिन्दू राष्ट्र है इसमें से तेल कभी नही निकलने देंगे और तेल निकलना है तो मुस्लिम राष्ट्र में चले जाओ |

अब पुत्तन समझ चूका था कि जबतक लोग धार्मिक बने रहेंगे तबतक मेरे राज्य का विकास नही हो पायेगा इसलिए एक दिन उसने हडप्पा और मोहनजोदड़ो सभ्यता की खोजा करने के बहाने से खुदाई शुरू की और भारत के मध्य एक लम्बी गहरी खाई खोद दी और फिर भारतीय प्लेट को काट कर अपना अलग ऋषिनगर बना लिया |
अब ऋषिनगर भारत से अलग हो चूका था | उसने वहाँ के लोगो के बड़े बड़े कर लगाकर और उच्च शिक्ष्ण दे कर उन्हें नास्तिक बना दिया | अब ऋषिनगर में बड़ी भारी मात्र में ज़मीं से तेल निकाला जाने लगा और सभी ऋषियों को भी नास्तिक बना दिया गया ताकि इस बात का विरोध न करे और पुत्तन का साथ दे | उसने ऋषिनगर का नाम बदलकर रुशिया रख दिया और यह धीरे धीरे एक सम्पन्न राष्ट्र बन गया | जब भारत के लोगो ने नेरु से ऋषिनगर को वापस लाने की बात की तो उसने रोने की एक्टिंग की और बोला कि मै एक के बदले दस रशिया ले आऊंगा लेकिन असल में वो खुद ही पुत्तन से मिल चूका था और वह भी अपना हिस्सा ले रहा था |

क्या हम सभी भारतीयों का कर्तव्य नही है कि हम रशिया को फिर से भारत में मिलाकर उसे तरक्की करने से रोक दे | क्या हमारी ज़िम्मेदारी नही है कि हम भारत को फिरसे अखंड भारत बनाये और नेरु की गलती का बदला ले ? सभी सच्चे भारतीय इस पोस्ट को इतना शेयर करे कि यह बात मोदीजी तक पहुँच जाए और वो फिर से इस भारत को अखंड भारत बनाये |
जय माँ भारती |


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